अहंकार का अटल सत्य: मैं और 'तू' के बीच खींची गई नरपिशाची रेखा
🔥 ॐ कार्मिक । आरंभ । 🔥 मैं कौन हूँ? मैं क्यों हूँ? - ख़ुद से पूछें ✍️ आत्मगुरु से जीवन दर्शन ॐ सूत्र वाक्य शिव सरीखा न कोई, शिव की माया में सब सरिया। शंकर वो सहिया, जहाँ काल भी मौन धारिया। ✨ शिव सूत्र: काल से परे का सत्य (यह सूत्र यह दर्शाता है कि सत्य की चेतना ही वह अंतिम शक्ति है जो जीवन के हर विष और काल के हर भ्रम को सहकर भी अमर रहती है।) _ विषय: अहंकार का अंधकार: मैं और 'वो' के बीच की रेखा अहंकार काल का अंश है और विनाश का प्रतीक [प्रस्तावना: भ्रम की छाया से सत्य की ओर] "हम पीढ़ियों से एक भ्रम की छाया में जी रहे हैं, जहाँ हमने आत्मविश्वास और अहंकार को एक ही यात्रा के दो छोर मान लिया है। लेकिन अटल सत्य यह है कि आत्मविश्वास (आत्मा और विश्वास का मिलन) स्वयं अहंकार में नहीं बदलता। यह मिलन तो ईश्वर का प्रतीक और अमरता का द्वार है, जो हर अहम (Ego) से मुक्त है। वास्तव में, अहंकार का जन्म मन से होता है, न कि आत्मा से। जब भीतर से शुद्ध 'मैं' उठता है, वह आत्मचिंतन का आरंभ बिंदु बनता है। परं...