विपत्तियों की राख से उगा कर्मयोगी
               🔥 ॐ कार्मिक । आरंभ । 🔥                     मैं कौन हूँ? मैं क्यों हूँ? - ख़ुद से पूछें                     ✍️ आत्मगुरु से जीवन दर्शन      ॐ सूत्र वाक्य      कर्मयोग से आत्मा का जागरण। कैसे कर्मयोग आत्मा कि गहराई से जुड़ता हैं, और जीवन कि दिसा बदल देता हैं।  ना कोई मेरा ना कोई तेरा। ये तो अरमानों का है डेरा, माया का है खेल सारा। ये है भ्रम तेरा कि सबकुछ है मेरा।  ये भी पढ़ें कर्मयोग से जीवन दर्शन 👉 https://karmyog-se-jivandarshan.blogspot.com/2025/09/blog-post.html?m=1 एक विचार  आज सुबह उठते ही मुझे एक विचार आया। मैं अपने बदले हुए जीवन की गाथा से अपने बंधुओं को परिचित कराऊँ, ताकि मुझे आत्म-संतुष्टि मिले और उन्हें प्रेरणा।   यह सिर्फ़ एक कहानी नहीं है। यह मेरे जीवन चरित्र की गाथा है, जो आप सबके लिए एक प्रेरणा रूपी ब्रह्मास्त्र का काम करेगी। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि आत्म-चिंतन करके आप भी अपनी सोच और अपने विचारों को बदल सकते हैं। इससे आप अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।   एक आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत  यह सब तब शुरू हुआ, जब महायोगी ने मेरा ...